श्री कृष्णनाम महिमा
प्रसिध प्रगट पाधरी, किवता कीव करंत !! १ !!
कोट करो नरमेध, अस्वमेध अनंत !
अनेक धरम दारा विषे, तीरथ वास वसंत !! २ !!
सिध करो साधना, विप्र मुख वेद वदंत !
सकल क्रियासुं धरम पालतां, दया करो जीव जनत !! ३ !!
व्रत करो विध विधनां, सती थाओ सीलवंत !
वेष धरो साध संतना, ग्नानी ग्नान कथंत !! ४ !!
तपसी बहुविध देह दमो, सरवा अंग दुःख सहंत !
पर तोले न आवे एकने, मुख श्रीकृष्ण कहंत !! ५ !!
मेहेराज कहे मुख ए धन, जो वली रुदे रमंत !
चौदे भवन ते जीतियो, धन धन ए कुलवंत !! ६ !!
No comments:
Post a Comment