प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखें
प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखें
प्राणी मात्र के प्रति हमें दया भाव रखना चाहिए। संसार में जीव-जंतु, पेड़-पौधे व पशु-पक्षी आदि प्रभु की रचना है। इसमें सर्वश्रेष्ठ रचना मनुष्य है। मनुष्य यदि दया भाव के बदले क्रूर प्रवृत्ति रखता है, तो उसका परिणाम भी उसको भुगतना पड़ता है। परमात्मा की दया का अधिकारी बनना है तो हमें भी दया भाव अवश्य रखना चाहिए। आज के समय में हम अच्छी तरह देख रहे हैं, मनुष्यों ने अपने स्वार्थवश प्रकृति को नुकसान पहुंचाया है। इसके परिणाम स्वरूप आज प्रकृत्ति प्रदत्त कई चीजें लुप्त होने के कगार पर खड़ी है। प्रकृति से छेड़छाड़ का परिणाम जलवायु परिवर्तन, भूकंप, बाढ़, अकाल व सुनामी आदि है। धर्म का पहला नियम भी दया है......... !
प्राणी मात्र के प्रति हमें दया भाव रखना चाहिए। संसार में जीव-जंतु, पेड़-पौधे व पशु-पक्षी आदि प्रभु की रचना है। इसमें सर्वश्रेष्ठ रचना मनुष्य है। मनुष्य यदि दया भाव के बदले क्रूर प्रवृत्ति रखता है, तो उसका परिणाम भी उसको भुगतना पड़ता है। परमात्मा की दया का अधिकारी बनना है तो हमें भी दया भाव अवश्य रखना चाहिए। आज के समय में हम अच्छी तरह देख रहे हैं, मनुष्यों ने अपने स्वार्थवश प्रकृति को नुकसान पहुंचाया है। इसके परिणाम स्वरूप आज प्रकृत्ति प्रदत्त कई चीजें लुप्त होने के कगार पर खड़ी है। प्रकृति से छेड़छाड़ का परिणाम जलवायु परिवर्तन, भूकंप, बाढ़, अकाल व सुनामी आदि है। धर्म का पहला नियम भी दया है......... !
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